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गुजरात: राजकोट में फेरीवालों के तेज माइक पर जनता का विरोध

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गुजरात  Published by: Vithal Nanji Kanani , Date: 10/11/2025 05:29:26 pm Share:
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  • 10/11/2025 05:29:26 pm
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संक्षेप

गुजरात; शहरी क्षेत्र राजकोट में फेरीवाले, रिक्शा चालक, चार पहिया वाहन चालक, ठेला चलाने वाले, साइकिल से या पैदल चलकर छोटे-बड़े फेरीवाले जब व्यापार करते हैं, तो अपने वाहन में माइक की आवाज़ बहुत तेज़ रखते हैं।

विस्तार

गुजरात; शहरी क्षेत्र राजकोट में फेरीवाले, रिक्शा चालक, चार पहिया वाहन चालक, ठेला चलाने वाले, साइकिल से या पैदल चलकर छोटे-बड़े फेरीवाले जब व्यापार करते हैं, तो अपने वाहन में माइक की आवाज़ बहुत तेज़ रखते हैं। अगर कोई जनता का व्यक्ति उनसे कहे कि "थोड़ी माइक की आवाज़ कम करो", तो भी वे आवाज़ कम नहीं करते। कई फेरीवाले, ठेलेवाले और केयर पिलर वाले लोग अपनी मनमानी करते हैं। जनता को कोई जवाब नहीं देते। अगर कोई उन्हें समझाने जाए, तो दादागीरी, धमकाना और बदतमीज़ी करते हैं। ऐसे लोगों द्वारा फैलाए जा रहे ध्वनि प्रदूषण वाले माइक को बंद करवाना चाहिए। जनता को उनके सामान बेचने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इन फेरीवालों द्वारा तेज़ आवाज़ में माइक बजाने का जनता कड़ा विरोध करती है। अगर फेरीवालों की तरफ से यह प्रदूषण बंद नहीं किया गया, तो इसकी शिकायत उच्च स्तर पर दर्ज कराई जाएगी। शहर की सोसायटी में किसी को भी फेरीवालों, ठेलेवालों या रिक्शाचालकों को माइक चलाने की अनुमति नहीं दी जाती, फिर भी ये लोग बिना अनुमति के माइक बजाकर व्यापार करते हैं, जो बिल्कुल गैरकानूनी है। इसके लिए पुलिस विभाग और नगर निगम अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती है, जो इन लोगों को दी नहीं जाती। राजकोट की जनता को यह प्रदूषण बिल्कुल मंज़ूर नहीं है। स्कूल जाने वाले बच्चों और बीमार लोगों को इससे भारी परेशानी होती है। माइक से उत्पन्न शोर भी वायु प्रदूषण का एक रूप है, जो शहर के वातावरण में हानिकारक प्रभाव डालता है। इसलिए इस प्रकार का माइक उपयोग शहरी क्षेत्र में पूरी तरह बंद होना चाहिए।