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गुजरात: नल से जल घोटाला200 से अधिक सरपंच और तलाटी सीआईडी के रडार पर

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गुजरात  Published by: Bhaveshkumar Vasudev Bhatt , Date: 10/11/2025 05:24:22 pm Share:
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  • 10/11/2025 05:24:22 pm
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संक्षेप

गुजरात: राज्य में नल के पानी में "हस्ताक्षर" घोटाला 200 सरपंच और तलाटी सीआईडी ​​के रडार पर, जहां पाइपलाइन भी नहीं बिछाई गई।

विस्तार

गुजरात: राज्य में नल के पानी में "हस्ताक्षर" घोटाला 200 सरपंच और तलाटी सीआईडी ​​के रडार पर, जहां पाइपलाइन भी नहीं बिछाई गई। वहां लाखों के बिल साइन करके जारी कर दिए गए। महिसागर ज़िले का 123 करोड़ का "नल से जल" घोटाला अब एक नए मोड़ पर है। लगभग 200 तलाटी और सरपंच रडार पर आ गए हैं। सीआईडी ​​क्राइम की जाँच में ऐसे सबूत सामने आए हैं जो गाँव स्तर पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। 'दिव्य भास्कर' को मिले सबूतों से पता चलता है कि कुछ गाँवों में जल समिति के अध्यक्ष और सदस्य के तौर पर अलग-अलग सिक्के गढ़े गए। लेकिन हस्ताक्षर सिर्फ़ एक ही व्यक्ति ने किए। यानी जहाँ आधिकारिक सिक्के दो लोगों के होने चाहिए थे, वहाँ असल में काम एक ही हाथ से हुआ। इसके साथ ही, सीआईडी ​​जाँच में ऐसे बिल भी मिले हैं जिनमें पाइपलाइन खोदे जाने का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। फिर भी जल समिति के नाम पर 14 लाख रुपए से ज़्यादा के बिल पास कर दिए गए। कई गाँवों में तो सरपंच और तलाटी ने हस्ताक्षर करके काम पूरा होने का आश्वासन दे दिया, जबकि हकीकत में वहाँ एक गड्ढा भी नहीं खोदा गया है। दो अलग-अलग सिक्के, लेकिन हस्ताक्षर एक ही हाथ के हैं। 14.76 लाख के नोट में दो अलग-अलग सिक्के, लेकिन हस्ताक्षर एक ही। कुछ गांवों में एक ही दिन में तीन बिल तैयार किये गये, और तीनों पर एक ही हस्ताक्षर थे, जहां पाइपलाइन की तस्वीरें आवश्यक थीं, वहां तस्वीरें खाली पृष्ठ पर संलग्न कर दी गईं। सीआईडी ​​ने भी यह साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया।घोटाले के अंदरूनी और बाहरी सूत्रों का कहना है कि 'नल से जल' घोटाला जितना बाहर हुआ, उतना ही ज़मीन के अंदर भी हुआ। कुछ 'ताकतवर' लोगों ने घोटालेबाजों को बचाने के लिए पैसे लेकर इस काम को अंजाम दिया है। ऐसी 'मौखिक बातें' सीआईडी ​​तक भी पहुँच चुकी हैं। पानी समिति जैसी संस्थाएँ परियोजनाओं में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई जाती हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास कार्यों की स्थानीय स्तर पर निगरानी हो। लेकिन 'नल से जल' का मामला दिखाता है कि जब निगरानी करने वाला ही मुसीबत में हो, तो परियोजना "बिना पाइप वाली पाइपलाइन" बन जाती है। बहुत सारे साक्ष्यों के आधार पर जांच जारी है। वासमो की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जाँच शुरू की गई। घोटाले का दायरा बहुत बड़ा था। 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। हमारे पास काफी सबूत हैं और जैसे ही किसी की संलिप्तता सामने आएगी, कार्रवाई की जाएगी। रोहन आनंद, एसपी, सीआईडी-ईओडब्ल्यू 200 से अधिक तलातियों और सरपंचों को भेजे जाएंगे नोटिस। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सभी 200 से ज़्यादा संदिग्ध सरपंचों और तलातियों को नोटिस भेजे जाएँगे। तकनीकी टीम ने नोटों की स्याही के नमूनों, हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जाँच और सिक्कों के डिजिटल निशानों की भी जाँच की है।