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गुजरात: किसानों का कर्ज माफ करे गुजरात सरकार, न्याय एवं अधिकार समिति
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संक्षेप
गुजरात: गुजरात सरकार को चाहिए कि असमय बारिश के कारण किसानों के कर्ज (फसल ऋण) माफ किए जाएं।
विस्तार
गुजरात: गुजरात सरकार को चाहिए कि असमय बारिश के कारण किसानों के कर्ज (फसल ऋण) माफ किए जाएं। न्याय एवं अधिकार समिति, गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष श्री परसोतमभाई एन. मुँगरा ने कहा है कि किसानों की यह प्रबल मांग है। गुजरात में हाल ही में हुई असमय बारिश के कारण मूंगफली, कपास, तुवर, प्याज, दलहन आदि फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मूंगफली की अधिकांश फसल नष्ट हो गई है और पशुओं के लिए चारा भी बर्बाद हो गया है। सरकार को तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए और किसानों को प्रति एकड़ ₹50,000 की सहायता देनी चाहिए, साथ ही किसानों का फसल ऋण ₹3,00,000 तक सीमित कर माफ करना चाहिए। इसी तरह, मालधारी (पशुपालक) लोगों का भी लिया हुआ पशुधन ऋण तुरंत माफ किया जाना चाहिए — ऐसी भी मांग उठी है। गुजरात के किसानों को जल्द से जल्द सहायता पैकेज घोषित कर राहत दी जानी चाहिए। किसान सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इसलिए गुजरात सरकार को बिना देर किए किसानों का ऋण माफ करना चाहिए। सरकार जब उद्योगपतियों के करोड़ों रुपए माफ कर देती है, तो किसानों के कर्ज क्यों नहीं माफ किए जा सकते — यह एक बड़ा सवाल है।गुजरात सरकार को तुरंत किसानों की सहायता और ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए, क्योंकि असमय बारिश के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है। साथ ही, उद्योगपतियों, फैक्ट्री मालिकों, और सूरत के हीरा व्यापारियों को भी इस संकट की घड़ी में किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। किसान होंगे तो ही बाकी सारे व्यापार चलेंगे, नहीं तो सभी धंधे ठप पड़ जाएंगे। असमय बारिश से हुए नुकसान की जानकारी हर जिले के विधायक, सांसद और मंत्रियों को सरकार तक पहुँचानी चाहिए। हर निर्वाचित प्रतिनिधि का कर्तव्य है कि वह अपने क्षेत्र में जाकर किसानों की बात सुने और उनकी पीड़ा सरकार तक पहुँचाए। यह सरकार किसानों के सहयोग से बनी है, इसलिए नेताओं का यह दायित्व है कि वे किसानों की वास्तविक स्थिति जानकर उन्हें उचित मुआवजा दिलाएँ। ज्यादातर नेता, विधायक, सांसद और मंत्री स्वयं किसान हैं। उन्हें किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाकर समाज को उभारना चाहिए। इसके अलावा, गुजरात सरकार ने इस बार मूंगफली 125 मण तक समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है, जो कि बिल्कुल उचित नहीं है। गुजरात सरकार को चाहिए कि वह समर्थन मूल्य पर मूंगफली 300 मण तक खरीदे। यह न्याय एवं अधिकार समिति, गुजरात का मत है।
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