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Sunita Williams Returning: जल्द वापस लौटेंगी सुनीता विलियम्स, इंतजार की गिनती हुई उल्टी
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संक्षेप
सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी को लेकर ये एक ऐतिहासिक और रोमांचक पल है। सुनीता विलियम्स, जो कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, ने अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके साथ बैरी विल्मोर का भी वापस लौटना, दोनों के लिए और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक बड़ी सफलता है।
विस्तार
सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी को लेकर ये एक ऐतिहासिक और रोमांचक पल है। सुनीता विलियम्स, जो कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, ने अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके साथ बैरी विल्मोर का भी वापस लौटना, दोनों के लिए और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक बड़ी सफलता है। अंतरिक्ष यान का आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) से डॉक करना और फिर पृथ्वी की ओर वापसी के लिए उड़ान भरना एक बेहद जटिल प्रक्रिया है, लेकिन अंतरिक्ष एजेंसियों के अत्यधिक प्रयास और तकनीकी महारत के कारण यह संभव हो पाता है। आज रात तक आईएसएस पर डॉक करने के बाद, सुनीता और बैरी की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यह उनके द्वारा अंतरिक्ष में बिताए गए नौ महीनों का शानदार समापन होगा और उनके मिशन की सफलता को प्रमाणित करेगा। गुरुत्वाकर्षण से फिर से सामंजस्य: ISS पर माइक्रोग्रैविटी (कम गुरुत्वाकर्षण) की स्थिति में लंबे समय तक रहने के कारण, पृथ्वी पर लौटने पर शरीर को भारी गुरुत्वाकर्षण का सामना करना पड़ता है। यह शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि शरीर ने इस बदलाव के लिए खुद को अनुकूलित नहीं किया होता। मांसपेशियों और हड्डियों का कमजोर होना: लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियां और हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं क्योंकि वहाँ वजन उठाने की आवश्यकता नहीं होती। जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर वापस आते हैं, तो उन्हें मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों की घनता को फिर से सुधारने के लिए विशेष शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है। संतुलन और चलने में दिक्कत: गुरुत्वाकर्षण के बिना ISS में, अंतरिक्ष यात्री तैरते हुए चलते हैं। पृथ्वी पर लौटने पर, उन्हें चलने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि उनका शरीर फिर से गुरुत्वाकर्षण के तहत संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करता है। दिल और रक्त प्रवाह: अंतरिक्ष में रहने के कारण, दिल का आकार और रक्त प्रवाह में भी कुछ परिवर्तन हो सकते हैं। जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर वापस आते हैं, तो शरीर को फिर से सामान्य स्थिति में आने में समय लगता है, और शुरुआत में रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इन सभी समस्याओं का समाधान समय, चिकित्सा देखभाल और शारीरिक प्रशिक्षण के माध्यम से किया जाता है। अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के बाद कुछ हफ्तों या महीनों तक पुनर्वास कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, ताकि वे धीरे-धीरे अपनी शारीरिक क्षमता को बहाल कर सकें।
सुनीता विलियम्स, जो कि भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, ने 2007 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर करीब छह महीने बिताए थे। इस दौरान उन्हें काफी दिक्क्तें भी हुई थी।