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मध्य प्रदेश: पीएम मोदी के मंच पर निर्मला भूरिया की मौजूदगी ने बढ़ाया राजनीतिक कद

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मध्य प्रदेश  Published by: Sabir Mohammad Mansuri , Date: 18/09/2025 03:27:18 pm Share:
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  • 18/09/2025 03:27:18 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 75 वे जन्म दिन पर प्रदेश को विकास कार्यों की सौगात देने आए उस समय मंच पर प्रदेश के बीजेपी पार्टी के नेताओं को खास तौर पर तव्वजो दी गई। इससे जहां बीजेपी पार्टी से आदिवासी जिलों में बीजेपी पार्टी का विश्वास तो बड़ा ही है।

विस्तार

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 75 वे जन्म दिन पर प्रदेश को विकास कार्यों की सौगात देने आए उस समय मंच पर प्रदेश के बीजेपी पार्टी के नेताओं को खास तौर पर तव्वजो दी गई। इससे जहां बीजेपी पार्टी से आदिवासी जिलों में बीजेपी पार्टी का विश्वास तो बड़ा ही है। इन आदीवासी नेताओं का ओहदा भी अपने समाज में भी बड़ा है। पीएम मोदी के मंच पर दिखीं झाबुआ जिले के पेटलावद विधान सभा क्षेत्र से महिला विधायक सु श्री निर्मला भूरिया अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में अग्रणीय तो है ही प्रदेश के आदिवासी जिलों में भी विकास कार्यों के लिए कोई भी कसर नही छोड़ रही है। झाबुआ जिले में अपने महीला बाल विकास विभाग से कुपोषित बच्चों के लिए मोटी आई कार्यक्रम चलाए गए। इस कार्यक्रम से जहां कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में जल्दी लाभ होता देख इस मोटी आई कार्यक्रम को प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में लागू किया। वही पूरे देश में भी लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, हमेशा से ही विकास कार्यों में अग्रणीय तो है ही पर जब मंच पर मोदी जी के पास मंच साझा किया तो आदिवासी महिलाओं में भी उत्साह देखा गया। आदिवासी अंचल की राजनीति में बढ़ा कद, राजनीतिक विरोधियों के लिए संदेश निर्मला भूरिया का कद घटा नहीं और मजबूत हुआ। प्रदेश में नए समीकरण पीएम कार्यक्रम ने साफ किया निर्मला भूरिया की बढ़ती अहमियत। आदिवासी अंचल में महिला नेतृत्व के चेहरे के रूप में उभरीं निर्मला भूरिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर को धार जिले के ग्राम भेसोला में आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सिर्फ आदिवासी अंचल की राजनीति को नई दशा दी है, बल्कि प्रदेश और स्थानीय नेतृत्व की ताकत का भी खुला संकेत छोड़ गया है। इस मंच पर पेटलावद विधायक एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया की मौजूदगी ने बीते दिनों चली आ रही चर्चाओं और अटकलों को भी खत्म कर दिया है। कुछ ही दिन पहले, 12 सितंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव लाडली बहना योजना के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पेटलावद पहुंचे थे। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग का था, लेकिन विडंबना यह रही कि विभागीय मंत्री होने के बावजूद निर्मला भूरिया का नाम ओर फोटो न मंच पर था और न ही बैनर-पोस्टर पर उनका नाम दिखा। यही कारण था कि क्षेत्र की राजनीति गरमा गई और यह बात उठने लगी कि क्या मंत्री की उपेक्षा की जा रही है? क्या उनका कद घट रहा है? यह मुद्दा स्थानीय जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और विपक्ष—सभी की चर्चा का विषय रहा। राजनीतिक गलियारों में यह भी कहा जाने लगा कि शायद पार्टी उन्हें हाशिए पर धकेल रही है। लेकिन आज 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के भव्य समारोह में जब मंच पर सुश्री निर्मला भूरिया देश-प्रदेश के शीर्ष नेताओं के साथ शान से बैठी दिखीं, तभी यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा में उनकी अहमियत बरकरार है और कद भी बड़ा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बड़े नेताओं के साथ मंच की पहली पंक्ति में मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि पार्टी संगठन और सरकार में उनके कद को लेकर संशय की कोई स्थिति नहीं है। प्रधानमंत्री के मंच पर जगह मिलना प्रदेश के किसी भी मंत्री या नेता के लिए बेहद अहम माना जाता है। इस उपस्थिति ने यह साफ कर दिया कि निर्मला भूरिया राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर में महत्व रखती हैं। पीएम के मंच पर स्थान पाना सिर्फ सम्मान नहीं बल्कि राजनीतिक हैसियत का बड़ा पैमाना माना जाता है।
निर्मला भूरिया की उपस्थिति यह साबित करती है कि पार्टी ने राष्ट्रीय नेतृत्व उनके प्रभाव को और आगे बढ़ाना चाहता है। पीएम के मंच पर जगह मिलना राजनीति में उनकी ऊंचाई का जवाब है। पेटलावद और झाबुआ के कार्यकर्ताओं में यह संदेश गया कि उनकी नेता की सीधी पकड़ दिल्ली तक है। यह मनोबल आने वाले चुनावी समीकरणों में बड़ा असर डालेगा। आदिवासी और महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रहे हैं, ऐसे में निर्मला भूरिया को प्रमोट करना इस रणनीति का अहम हिस्सा है।मध्यप्रदेश की राजनीति में मंत्री निर्मला भूरिया की भूमिका अब सिर्फ विभाग तक सीमित नहीं है। पीएम के कार्यक्रम में मंच पर रहना यह संकेत है कि उन्हें आने वाले समय में पार्टी आदिवासी अंचल में बड़ा चेहरा बना सकती है। जैसे 2023 के विधानसभा चुनाव में उनके मंत्री बनने से आदिवासी क्षेत्र में भाजपा को फायदा हुआ था। वैसे ही आगे भी उनके बढ़ते कद से पार्टी को लाभ मिल सकता है। पार्टी के अंदरूनी समीकरण में देखा जाए तो 2023 विधानसभा चुनावों के बाद निर्मला भूरिया को मंत्री बनाना ही उनके प्रभाव की पुष्टि थी। अब पीएम के साथ मंच पर रहना यह संकेत है कि उन्हें संघ-भाजपा नेतृत्व का भरोसा हासिल है। यह उपस्थिति उनके भविष्य की राजनीति को और मजबूत कर सकती है और आदिवासी अंचल में उन्हें पार्टी का प्रमुख चेहरा बनाकर आगे बढ़ाया जा सकता है।