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बिहार: पटना में तेजस्वी यादव के आवास के बाहर फायरिंग, बिहार की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

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बिहार  Published by: Saurabh , Date: 19/06/2025 04:44:34 pm Share:
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  • 19/06/2025 04:44:34 pm
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संक्षेप

बिहार: राजधानी पटना के हाई सिक्योरिटी जोन में उस समय हड़कंप मच गया, जब नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आधिकारिक आवास के बाहर गुरुवार सुबह गोलीबारी की घटना हुई।

विस्तार

बिहार: राजधानी पटना के हाई सिक्योरिटी जोन में उस समय हड़कंप मच गया, जब नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आधिकारिक आवास के बाहर गुरुवार सुबह गोलीबारी की घटना हुई। यह इलाका पोलो रोड पर स्थित है, जहां मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्रियों और उच्च न्यायालय के जजों के आवास भी हैं। इस घटना ने बिहार में एनडीए सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस के अनुसार, सुबह के समय बाइक सवार दो बदमाशों ने कौशल नगर के रहने वाले राहुल नामक युवक को निशाना बनाकर गोली चलाई। यह फायरिंग कथित तौर पर लूटपाट के दौरान हुई, जिसमें बदमाशों ने राहुल से 400 रुपये और मोबाइल छीन लिया। राहुल इस हमले में बाल-बाल बच गए, और गोली का खोखा घटनास्थल से बरामद किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

तेजस्वी यादव ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "आज मेरे आवास के बाहर गोली चलाई/चलवाई गई है। एनडीए के राक्षस राज में सत्ता संरक्षित अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि अपराधी हाई सिक्योरिटी जोन में खुलेआम फायरिंग करते घूम रहे हैं। खबरदार! कोई इसे जंगलराज कहेगा तो?" उन्होंने यह भी तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले इस घटना को दबाने की कोशिश की जा सकती है।

तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने भी इस घटना को गंभीर बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने X पर लिखा, "पटना के सबसे संवेदनशील इलाके में तेजस्वी यादव के आवास के बाहर गोलीबारी से बिहार की बदहाल कानून-व्यवस्था उजागर होती है। कुछ दिन पहले उनके काफिले में ट्रक घुसने की घटना और अब यह फायरिंग, सरकार की लापरवाही और उदासीनता पर सवाल खड़े करती है।"

यह घटना उस समय हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को बिहार दौरा प्रस्तावित है। विपक्षी नेताओं ने इस घटना को एनडीए सरकार के "जंगल राज" का सबूत बताते हुए नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला है। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि यह लूटपाट की घटना थी और मामले की जांच जारी है।