-
☰
गुजरात: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून और जनजागरूकता से ही बनेगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत
- Photo by : social media
संक्षेप
गुजरात: भ्रष्टाचार मुक्त गुजरात या भारत देश बनाने के लिए अगर इतना किया जाए तो हम गुजरात या भारत देश को भ्रष्टाचार मुक्त बना सकते हैं।
विस्तार
गुजरात: भ्रष्टाचार मुक्त गुजरात या भारत देश बनाने के लिए अगर इतना किया जाए तो हम गुजरात या भारत देश को भ्रष्टाचार मुक्त बना सकते हैं। यह ताक़त हमारे अंदर है, बस उसका उपयोग करने और क़ानून में कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है। साथ ही कुछ नए नियम जोड़ने की भी आवश्यकता है। भ्रष्टाचार सरकारी विभागों में, ग्राम पंचायत, तालुका पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका, महानगर पालिका, निगमों, सहकारी बैंकों, प्राइवेट बैंकों, सरकारी बैंकों, सरकारी निर्माण कार्यों, पुल, डेम, चेक डेम, बड़े डेम, सड़क कार्यों, सरकारी स्कूलों के कार्यों, सरकारी बस स्टैंड के कामों, पंचायत के कामों, पंचायत की सड़कों, भूमिगत सीवर लाइन, पानी के कनेक्शन, अवैध कनेक्शन, शहर में आरसीसी और डामर रोड निर्माण, कॉर्पोरेशन के आवास योजना कार्यों, सरकारी नौकरी में भर्ती में अधिकारियों द्वारा पैसे लेने, बैंक भर्ती में बड़े घोटाले, सरकारी नौकरी भर्ती, महानगर पालिका, नगर पालिका, स्कूल, कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में भर्ती घोटाले, किसी भी सरकारी नौकरी की भर्ती में घोटाले, बैंकों की भर्ती में घोटाले, सहकारी बैंकों की भर्ती में घोटाले, किसी भी निगम में भर्ती घोटाले, जी.ई.बी. (विद्युत बोर्ड) में भर्ती घोटाले तथा किसानों से घूस माँगना ये सब भ्रष्टाचार के उदाहरण हैं। किसानों को किसी भी जी.ई.બી. विभाग में काम करवाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं, अगर पैसे न दें तो अधिकारी काम नहीं करते। लेकिन अगर पैसा दें तो काम तुरंत करवा देते हैं। इसके अलावा ठेकेदारों को यदि टेंडर पास हुआ हो और काम करना हो तो निचले स्तर से लेकर ऊपर तक तय प्रतिशत इंजीनियर को देना पड़ता है। यह एक बड़ा भ्रष्टाचार है। ठेकेदारों से प्रतिशत लेने के बाद उन्हें घटिया काम करने दिया जाता है। इसी कारण सड़कें, पुल, डेम, चेक डेम, सरकारी स्कूल, सरकारी विश्वविद्यालय, सरकारी बस स्टैंड, पंचायत भवन, तालुका पंचायत भवन, ग्राम पंचायत भवन, अस्पताल, आंगनवाड़ी, सरकारी नहर आदि सभी जगह भ्रष्टाचार होता है। इसका मूल कारण सरकारी अधिकारी हैं, जिनके माध्यम से पैसा हड़प लिया जाता है। इसी वजह से सभी सरकारी निर्माण कमजोर और घटिया होते हैं।अगर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति गुजरात सरकार द्वारा जाँची जाए तो सारे घोटाले उजागर हो सकते हैं। सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए और वह पैसा सरकारी खजाने में जमा करवाना चाहिए क्योंकि वह जनता के टैक्स का पैसा है। अगर कोई अधिकारी भ्रष्टाचार करते पकड़ा जाए तो सबसे पहले उसकी संपत्ति ज़ब्त करनी चाहिए। उसके बाद उसे सरकारी नौकरी से हटाकर घर बिठा देना चाहिए। फिर जो पैसा उसने हड़प लिया है उसे वापस लेना चाहिए और उसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर जेल भेजना चाहिए। अगर ऐसा कदम उठाया जाएगा तो कोई भी अधिकारी भ्रष्टाचार करने से पहले सौ बार सोचेगा। सरकारी निर्माण कार्यों में स्टील की डिज़ाइन पास होने के बाद भी कुछ सरियों को निकाल लिया जाता है। इस तरह के मामले अभी भी जारी हैं। निर्माण में जो आरसीसी ग्रेड तय होती है, उसी ग्रेड में काम नहीं होता। साइट पर मौजूद सरकारी इंजीनियर भी इसमें शामिल होते हैं। इसी वजह से पुल, डेम, चेक डेम जैसे काम कमजोर हो जाते हैं। कुछ गाँवों में सड़कें बनी ही नहीं होतीं लेकिन सरकारी कागज़ों में डामर या आरसीसी सड़कें बनी हुई दिखा दी जाती हैं। इस तरह गाँवों के लिए आई हुई ग्रांट का दुरुपयोग हो जाता है। इसलिए जागरूक नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इसकी जाँच करनी चाहिए और आरटीआई लगाकर सच सामने लाना चाहिए। यह हर नागरिक का कर्तव्य है। सत्य को हमेशा उजागर करना चाहिए क्योंकि यह देश, राज्य और गाँव के हित में है। हमेशा निडर बनो और देश, राज्य तथा गाँव की मदद करो।
छत्तीसगढ़: मंगल भवन भटगांव में आनलाईन सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
मध्य प्रदेश: मुंदी में धूमधाम से शुरू हुआ नवदुर्गा उत्सव, महाआरती में हजारों श्रद्धालु होंगे शामिल
छत्तीसगढ़: स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के तहत नया बस स्टैंड में चला गया सफाई अभियान
बिहार: विधायक मनोहर प्रसाद सिंह ने 8.33 लाख की लागत से बनने वाली सड़क का किया शिलान्यास
हरियाणा: मोबाइल स्नेचिंग के मामले में वांछित आरोपी करण उर्फ किडू पंजाब से काबू