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उत्तर प्रदेश: रामलीला के प्रथम चरण, नारद मोह लीला का मंचन देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध 

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उत्तर प्रदेश  Published by: Jugesh Kumar , Date: 22/09/2025 03:14:24 pm Share:
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  • 22/09/2025 03:14:24 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: क्षेत्र के पड़री (कमरीडांड़) ग्रामीण नवयुवक यदुवंशी रामलीला समिति की तरफ से आयोजित रामलीला का शुभारंभ रविवार की शाम किया गया।

विस्तार

उत्तर प्रदेश: क्षेत्र के पड़री (कमरीडांड़) ग्रामीण नवयुवक यदुवंशी रामलीला समिति की तरफ से आयोजित रामलीला का शुभारंभ रविवार की शाम किया गया। नारद मोह लीला के साथ रामलीला की शुरूआत हुई। रामलीला का समाजसेवी व्यास श्री कन्हैया लाल यादव , श्री शिवनारायण यादव, ग्राम प्रधान श्री सुभाष चन्द्र यादव , श्याम यादव,दिन बन्धु यादव , वृंदावन दुबे आदि ने फीता काट ,विधि विधान से मुकुट पूजन कर शुभारंभ किया। पड़री कमरीडाड़ में ग्रामीण नवयुवक यदुवंशी रामलीला मंडली ग्राम पड़री कमरीडाड़ के कलाकारों ने नारद मोह लीला का सजीव मंचन किया। जिसे देख दर्शक हर्षित हो उठे। मंचन में कलाकारों ने दिखाया कि भगवान नारद जी तपस्या करने बैठ जाते हैं। उनकी घोर तपस्या से राजा इंद्र का सिंघासन हिलने लगता है। तब उनकी चिंता सताने लगती है। इंद्रदेव नारद जी की तपस्या की भंग करने के लिए सुंदर अप्सराओं को भेजते हैं, लेकिन वह नारद की तपस्या को भंग नही कर पाती हैं। लीला में वह कामदेव को नारद की तपस्या भंग करने के भेजते हैं, पर कामदेव भी हर प्रकार का जतन करने के बाद भी तपस्या को भंग नही कर पाते हैं। तब नारद जी को इसी बात का घमंड हो जाता है। नारद के इस घमंड को चूर करने के लिए भगवान विष्णु शीलनगरी का निर्माण करते है और उसके राजा शीलनिधि को बनाते हैं। उनकी पुत्री के विवाह का आयोजन कराते हैं। नारद जी भी वहां पहुंचते हैं। नारद भगवान विष्णु के पास पहुंच कर कहते हैं प्रभु एक दिन के लिए आप मुझे हरि का स्वरूप दे दो। भगवान विष्णु नारद के घमंड को चूर करने के लिए हरि अथार्त वानर का स्वरूप दे देते हैं। नारद जी जब उसी स्वरूप के साथ शीलनगरी पहुंचते ही तब वहां उनका उपहास उड़ाया जाता है, तब नारद जी वापस आ जाते हैं। इस प्रकार भगवान विष्णु नारद जी का घमंड चूर कर देते हैं। श्रीराम के जयकारे से पंडाल गूंज पड़ा। समिति की तरफ से सभी अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर समिति के संरक्षक राम जतन यादव सहित अध्यक्ष अजय कुमार यादव, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार यादव एडवोकेट, केदारनाथ यादव, हरीनाथ आदि लोग उपस्थित रहे।


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