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मध्य प्रदेश: पेटलावद में मुख्यमंत्री की सभा के दौरान पत्रकारों से पक्षपात
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संक्षेप
मध्य प्रदेश: झाबुआ जिले के पेटलावद में दिनांक 12 सितम्बर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ऐतिहासिक सभा नगर में अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
विस्तार
मध्य प्रदेश: झाबुआ जिले के पेटलावद में दिनांक 12 सितम्बर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ऐतिहासिक सभा नगर में अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस भव्य आयोजन के पीछे जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा समाज के विभिन्न वर्गों का सराहनीय सहयोग रहा , साथ ही क्षेत्र की मीडिया एवं पत्रकारों ने भी इस आयोजन को व्यापक स्तर तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। किन्तु, इस आयोजन के दौरान उपखण्ड अधिकारी (राजस्व) पेटलावद, सुश्री तनुश्री मीना (आईएएस) के कृत्यों को लेकर स्थानीय पत्रकारों में गहरा रोष व्याप्त है। आरोप है कि एसडीएम द्वारा जानबूझकर पत्रकारों को सभा से वंचित करने के लिए पक्षपातपूर्ण एवं अनुचित रवैया अपनाया गया, जो लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं प्रेस की स्वतंत्रता के विरुद्ध है। इस घटना के विरोध में रविवार को नगर के पत्रकारों ने रूपगढ़ रोड स्थित पूर्वमुखी हनुमान मंदिर प्रांगण में आपात बैठक आयोजित की गई , बैठक में सर्वसम्मति से एसडीएम तनुश्री मीना के विरुद्ध सामूहिक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि प्रशासन द्वारा इस प्रकार की मनमानी एवं पत्रकारों का दमनकारी व्यवहार किया गया, तो उसका कठोर विरोध किया जाएगा तथा आवश्यक होने पर शासकीय समाचारों का बहिष्कार भी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की सभा के लिए पत्रकार दीर्घा में प्रवेश हेतु स्थानीय पत्रकारों को पास जारी करना एसडीएम मीना की जिम्मेदारी थी। आरोप है कि एसडीएम ने कई पत्रकारों को जानबूझकर पास जारी नहीं किए। जब पत्रकारों ने पीआरओ से जानकारी चाही, तो उन्हें “एसडीएम के हस्ताक्षर शेष होने” का हवाला देकर गुमराह किया गया। कार्यक्रम से ठीक पूर्व यह तथ्य उजागर हुआ कि जिन पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज हैं, उन्हें पास से वंचित किया गया। वहीं, आयोजन स्थल पर बिना पास पहुंचे पत्रकारों को बाहर करने का भी प्रयास किया गया। इस स्थिति से आक्रोशित पत्रकारों ने सामूहिक बहिष्कार की चेतावनी दी। तत्पश्चात जिला कलेक्टर एवं पीआरओ के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ, किन्तु पत्रकारों ने स्पष्ट कहा कि यह घटना प्रशासन द्वारा प्रेस को दबाने एवं बदनाम करने का सुनियोजित प्रयास है। पत्रकारों का कहना है कि मंच पर उपस्थित अनेक जनप्रतिनिधियों, शासकीय कर्मचारियों तथा स्वागत सूची में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज हैं, फिर भी केवल पत्रकारों को निशाना बनाना एसडीएम की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण शर्मा, हरिशंकर पवार, मनोज पुरोहित, वीरेंद्र भट्ट, जीतेश विश्वकर्मा, मुकेश सिसोदिया, हरीश राठौर, सत्यनारायण गौड़, राकेश गेहलोत, प्रकाश पडियार, लोकेन्द्र सिंह परिहार, गोपाल राठौर, तन्मय चतुर्वेदी, चंदू राठौर, धर्मेंद्र सोनी, ओपी मालवीय, दीपक निमजा, शब्बीर मंसूरी, नरेश भटेवरा, अर्जुन ठाकुर, मोहन परमार, निर्मल व्यास ,राकेश डूंगरवाल , सहित अनेक पत्रकार उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
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