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मध्य प्रदेश: नीमच चीता प्रोजेक्ट के पास फिर तेंदुए की मौत, वन विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल

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मध्य प्रदेश  Published by: Sabir Mohammad Mansuri , Date: 16/09/2025 04:55:45 pm Share:
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  • 16/09/2025 04:55:45 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: नीमच जिले के अंतिम छोर करणपुरा क्षेत्र में एक तेंदुए की सड़क हादसे में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, तेंदुआ किसी भारी वाहन की चपेट में आया और मौके पर ही उसकी जान चली गई।

विस्तार

मध्य प्रदेश: नीमच जिले के अंतिम छोर करणपुरा क्षेत्र में एक तेंदुए की सड़क हादसे में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, तेंदुआ किसी भारी वाहन की चपेट में आया और मौके पर ही उसकी जान चली गई। घटना स्थल चीता प्रोजेक्ट की फेंसिंग के बाहर का बताया जा रहा है। वन विभाग का दावा रहा है कि चीतों को छोड़ने से पहले इलाके में कोई तेंदुआ मौजूद नहीं था। लेकिन लगातार तेंदुओं की मौत और विस्थापन ने इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह चौथा मामला है जब चीता प्रोजेक्ट के दौरान तेंदुए की मौत हुई है। सूत्रों के मुताबिक, तेंदुओं को "विलुप्त" घोषित करने और विस्थापित करने में वन विभाग ने लाखों रुपये खर्च किए। अब तक लगभग 30 तेंदुओं को अन्यत्र भेजा गया है। बावजूद इसके, तेंदुओं की मौतें हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वन विभाग की लापरवाही और योजना में खामियों की ओर इशारा करता है। हादसे के बाद वन विभाग द्वारा मीडिया या स्थानीय लोगों को घटना स्थल की तस्वीरें और वीडियो लेने से रोक दिया गया। इस पर स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग अपनी गलती को छिपाने की कोशिश कर रहा है। नीमच जिले में बार-बार हो रही घटनाओं ने चीता प्रोजेक्ट की पारदर्शिता और सफलता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या करोड़ों की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से वन्यजीव संरक्षण को फायदा हो रहा है या यह सिर्फ कागजों पर सफल दिखाया जा रहा है। यह घटना सरकार और वन विभाग दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। अब देखने वाली बात होगी कि जांच और जवाबदेही की दिशा में आगे कौन से ठोस कदम उठाए जाते हैं।


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