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उत्तर प्रदेश: खाद्य सुरक्षा विभाग में घोर अनियमितता, प्राइवेट व्यक्ति अधिकारी की कुर्सी पर कर रहा विभागीय कार्य

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उत्तर प्रदे  Published by: Ranu , Date: 18/09/2025 05:27:28 pm Share:
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  • 18/09/2025 05:27:28 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन  में उड़ी शासनादेश की धज्जियां।

विस्तार

उत्तर प्रदेश: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन  में उड़ी शासनादेश की धज्जियां। प्राइवेट व्यक्ति बना अधिकारी, कुर्सी पर बैठकर करा रहा विभागीय कार्य। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर किस तरीके से काम किया जा रहा है यह सोचनीय विषय है, जिसका सोशल मीडिया में लगातार वीडियो वायरल हो रहा है। जिले में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा शासन काल में महोबा सुर्खियों में फर्जी रॉयल्टी से लेकर फर्जी बीमा आबकारी विभाग अधिकारी समेत तमाम भ्रष्टाचार की परत महोबा मैं पहले ही खुल चुकी है। प्राइवेट काम करने वाले व्यक्ति अधिकारी की कुर्सी में बैठकर काम करते हैं तो अधिकारी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। शीघ्र खुलेंगे भ्रष्टाचार करने वालों के परतदार परत कारनामे। लगता है कि कई वर्षों से जमे अधिकारी एवं कर्मचारी बढ़ा रहे हैं भ्रष्टाचार को। प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए लगातार भ्रष्टाचार को दे रहे हैं भ्रष्ट अधिकारी  बढ़ावा जिले में। महोबा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला  प्रकाश पर सामने आया है। विभागीय अधिकारियों ने शासनादेश को ताख पर रखकर प्राइवेट व्यक्ति दीक्षित से विभागीय कार्य कराना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि विभाग ने उसे इतने अधिकार दे रखे हैं कि वह अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर न केवल सरकारी काम करता है बल्कि क्षेत्र के खाद्य सामग्री व मेडिकल दुकानदारों से अवैध वसूली भी करता है।
स्थानीय समाजवादी पार्टी व्यापार सभा जिला अध्यक्ष संतोष साहू  का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मौन स्वीकृति से यह सब चल रहा है, जिससे सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। शासन की सख्त मनाही के बावजूद किसी प्राइवेट कर्मचारी से सरकारी जिम्मेदारियाँ निभवाना न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है, जिसकी शिकायत संतोष कुमार साहू ने कई बार प्रशासन को लिखकर अवगत कराया पर आज तक कोई भी विभागीय कार्यवाही न उनके संबंधित अधिकारियों ओर न ही दीक्षित के ऊपर हुई जिससे संतोष साहू ने प्रदेश के उच्च अधिकारी को पत्राचार द्वारा अवगत कराया है। वही संतोष साहू ने शासन से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में जिला प्रशासन का हंटर  भ्रष्टाचार  को बढ़ावा देने वालों के ऊपर चलता है या नहीं। 


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